Friday, June 20, 2008

ये शांति काल है

जब युद्ध नहीं होते हैं
उसे शांति काल कहा जाता है
भारत में अभी शांति है
हर रोज क़त्ल की ख़बरें आती हैं
हर शहर में लड़की की चीख सुनी जाती है
दहेज की खातिर महिला मारी जाती है
चंद रुपयों के लिए बच्चा अगवा होता है
अख़बारों के पन्ने अपराधों से भरे जाते हैं
काले शब्दों में लाल खून के छींटे नज़र आते हैं
फिर भी भारत में शांति है
हर रोज लाखों बच्चे भूख से बिलबिलाते हैं
धीमे धीमे मौत की तरफ कदम बढ़ाते हैं
बिन दानों के आंतें धंसती जाती हैं
रोटी के नाम पर अंग खरीदे-बेचे जाते हैं
बेबस... मौत गले लगाते हैं
हर कोने से सिसकियां सुनाई देती हैं
फिर भी भारत में शांति है
काशी और अजमेर में बम फोड़े जाते हैं
बस्तर में नक्सली मारे जाते हैं
जम्मू कश्मीर में आतंकियों का डेरा है
उत्तर पूर्व में छिड़ा संग्राम घनेरा है
फिर भी भारत में शांति है
मैं इस शांत भारत का वाशिंदा हूं
और मुझे अपने भारत पर नाज है.

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