Friday, June 20, 2008

कहीं मेरा हिस्सा तो नहीं मारा

कल मैं कनॉट प्लेस में घूम रहा था
शूट बूट पहने
एन ९२ हाथ में लिये
दोस्त से बतिया रहा था
तभी एक भीखमंगा सामने आ गया
मेरा रास्ता रोक कर खड़ा हो गया
मैंने बचने की बहुत कोशिश की
लेकिन जैसे वो मुझे दबोच लेना चाहता था
फिर मैं भी रुक गया
पूछा भाई क्या बात है
ऐसे रास्ता रोक क्यों खड़े
लगता है कुछ ठान कर आए हो
किसी जिद पर अड़े हो
जवाब में उसने कहा मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिये
बस एक सवाल का जवाब दे दो
तुम शूट बूट पहने हो
मैं फटे हाल हूं
तुम मोबाइल लिये हो
मेरे हाथ में कटोरा है
तुम्हारे पास गाड़ी है
मेरा पास चप्पल तक नहीं
मैं भी इंसान हूं
इसी देश का नागरिक हूं
तुम्हारी तरह मेरे भी कुछ अधिकार हैं
फिर मैं कंगाल तुम खुशहाल क्यों
सच सच बोलना
झूठ मत कहना
मुझे झूठ से नफरत है
कहीं तुमने मेरा हिस्सा तो नहीं मार लिया।

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